आम है,फुलकारी लाना तुम्हारे लिए.. अल्फ़ाज़!जहन में बताना तुम्हारे लिए.. मैं कंगन सोने के भी लादू..! तुम्हें पसंद नहीं आएंगे!आम नहीं है.. क़िरदार बताना तम्हें तुम्हारा!मेरे लिए.. "हा"!..मानता हूँ.कुड़माई है,,तुम्हारी किसी गैर क़े साथ.. पर तुम्हें!तुम्हारे घर से भगाना भी आसान नहीं..,, ©Ditikraj"दुष्यंत"...! आम है,फुलकारी लाना तुम्हारे लिए.. अल्फ़ाज़!जहन में बताना तुम्हारे लिए.. मैं कंगन सोने के भी लालू..! तुम्हें पसंद नहीं आएंगे!आम नहीं है.. क़िरदार बताना तम्हें तुम्हारा!मेरे लिए.. "हा"!..मानता हूँ.कुड़माई है,,तुम्हारी किसी गैर क़े साथ.. पर तुम्हें!तुम्हारे घर से भगाना भी आसान नहीं..,, !.. दितिक राज