ख़बर ना हुई, ना जाने कब तेरी हो गई तेरी बातों और हसीन आंखों में खो गई तू जाने या ना जाने, माने या ना माने तेरे इश्क़ में पड़ कर देख, मैं मिट तो गई।। नमस्ते दोस्तों। हमारा प्रथम चैलेंज है मुक्तक। पहले इस विधा का रूप समझते हैं। मुक्तक चार पंक्तियों पर आधारित वह काव्य विधा है जिसकी पहली, दूसरी और चौथी पंक्ति समान तुकांत वाली होती है। उदाहरण:- हिंद के वीरों को मेरा कोटि कोटि प्रणाम है नाम उन्हीं के सुबह मेरी, नाम उन्हीं के शाम है