जिंदगी को समझना चाहा। नाकाम रहे।। कामियाबी को कुछ इम्तहानों से तोलना चाहा। फिर नाक़ाम रहे।। क्या जिंदगी में कामयाब होना जरूरी है! या चलते मुसाफिरों की तरह मंजिलों में पहुंचना ही वक़्त की सही मांग है!! ©BINOदिनी #कामयाबी_का_सफ़र