तेरी नज़र का तीर एक गुनाह कर गया मुझे आशिकी में बेपरवाह कर गया यू तो इन आंखों ने देखें थे और भी कई नजारे तेरा हुस्न-ए-जाम कत्ल इस दिल का बेवजह कर गया तेरी नज़र का तीर