पांवों पर गुमान कीजिए जो मंजिल पर ले जाते हैं अपने हाथों पर गुमान कीजिए जो आपकी कर्मभूमि की पहचान कराते हैं अपने होंठों पर गुमान कीजिए जो मुस्कान बिखेरते हैं अपनी आंखों पर गुमान कीजिए जो खूबसूरती को सहेजती है अपने दिल पर गुमान कीजिए जो धड़कता है जिंदगी के लिए ©Beena Kumari प्रेरणादायी कविता हिंदी