आप से #रुख़सत हुआ तो, नम हुई आंखे मेरी.. मैं छुपाए गम को, आगे को बढ़ गया था.. पीछे न मुड़कर देखा, आंखे मेरी भरी थी.. पर आपको लगा यह, दामन था मैं छुड़ाया.. खुशियां मेरी थी आप, अब साथ नही मेरे.. तनहा कटेगा कैसे, जीवन के राह मेरे.. अब आप ही बताएं, क्यों राह ऐसा चुना.! जहां जिंदगी के बदले, है खाक़ में मिल जाना.! #अजय57