जिंदगी रेत सी है अनकही सैकत सी है दिन-ब-दिन हाथों से फिसलती जाती है जितना समेटने की कोशिश करो उतना ही निकलती जाती है रोशन होने की चाहत में न जाने क्यों कतरा-कतरा मोम सी पिघलती जाती है|| ©Ayesha Aarya Singh #Zindagi Ret si hai #merekhyal #AdhuriVakya #nojotohindishayari #nojotoenglishquotes #lifethoughts #poem✍🧡🧡💛