तुम्हारी किताबें ये यादें हमेशा साथ रहेंगी तुम्हारी मेरी बातें, दिन हो या रात जीवन के हर मोड़ पर तुम देना मेरा साथ! दूर रहो या पास छोड़ना ना कभी ये दोस्ती का हाथ, वो तुम ही तो हो जो हो सबसे खास!........जो हो सबसे खास....! कई ख्वाहिशे दबी है इस दिल में तुम कहो तो बताऊं, इस बार मिलो तो सही अपना हाल ऐ दिल तुम्हें सुनाऊं! चार दिन की जिंदगी है कुछ पल जी लो मेरे साथ, वो तुम ही तो हो जो हो सबसे खास....! जो हो सबसे खास.......! इस नफरत भरी दुनिया में तुम्हें क्या मैं बताऊं, समझ नहीं आता अपनी दोस्ती को किस मुकाम तक ले जाऊं! अब कह दो हम जैसा कोई ना है तुम्हारे पास, वो तुम ही तो हो जो हो सबसे खास.....!जो हो सबसे खास......! बात हो या ना हो बात करने का बहाना होता है, नींद आती है फिर भी ना सोने का बहाना होता है! बात जब शुरू हो तो अधूरी पड़ जाती है रात, वो तुम ही तो हो जो हो सबसे खास......!जो हो सबसे खास.........! ना उम्मीद करके भी तुमसे उम्मीद होता है, तुमसे मिलते ही मेरे अंदर कुछ अजीब सा होता है! एक खामोश सी हलचल बनी रहती है तुमसे मिलने के बाद, वो तुम ही तो हो जो हो सबसे खास........! जो हो सबसे खास.....! कभी सोचा है दो पल तुम्हारे संग चैन का बिताऊ, सौप दू खुद को तुम्हें और तुम्हारी बातों में खो जाऊं! तुम्हारी मौजूदगी में होने से होता है कुछ अलग ही एहसास, वो तुम ही तो हो जो हो सबसे खास.....! जो हो सबसे खास.....! बेपरवाह है हम इस दोस्ती का ना अंत कभी होगा, बेखौफ है हम की ये दोस्ती अनंत तक होगा! कभी-कभी तुम्हें खोने से डर का होता है आभास, वो तुम ही तो हो जो हो सबसे खास.....!जो हो सबसे खास......! मैं शुक्रगुजार हूं उस रब का जिसने तुम्हें मुझे दिया, संदेशों पर शुरू हुई बातों से मुलाकातों का सफर दिया! खूब तरक्की करना तुम जीवन में और रखना मेरी दोस्ती का लाज, वो तुम ही तो हो जो हो सबसे खास......!जो हो सबसे खास......! ©Raj poetry on love poetry in hindi