मेरे दर्दे दिल को जाने। क्यूं कंट्रोल नही करती। जाने किस से डरती है। अब वो कॉल नहीं करती। पहले करती थी कॉल मुझे वो। बात वो करना चाहती थी। कुछ मेरे दिल की सुनती थी। कुछ अपने दिल की बताती थी। जाने क्यूं चुप हो गई है वो। घुट घुट के क्यूं वो मरती है। क्या मैं उस के काबिल नही। या फिर से धोखा खाने से डरती है। इसी लिए अपने रिश्ते को , वो अनमोल नही करती। मेरे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,। जानना मुझको चाहती थी वो। लगता है जल्दी ही जान गई। पागलपन वो मेरे प्यार को, जाने कैसे मान गई । अपने दिल मे मेरे प्यार को, क्यूं इंस्टॉल नही करती । मेरे,,,,,,,,,,,,। या तो आ के गले वो लग जाये। या मुझको पास बुला ले वो। बस मेरी बन के रहे हमेशा। फिर जितना चाहे सताले वो। दे कर अपना दिल जाने क्यूं। मुझको निहाल नही करती। मेरे दर्दे दिल को जाने, क्यूं कंट्रोल नही करती। जाने किस से डरती है। अब वो कॉल नहीं करती। ताहिर।।। ©TAHIR CHAUHAN #कॉल