मैं पागल पागल सी फिरती हूं,हर जगह सिर्फ तुम्हारा नाम जपती हुँ तुम्हारे साथ बिताये हर लम्हें याद करके, मन ही मन मुस्करती रहती हुँ लोग हैरानी से पुछते हैं हुआ तुम्हें कोई रोग या हो गयी हो तुम पागल अब नादान लोगो को कौन समझाँए, दीवानों सी मेरी हलत की वजह तुम ही हो आज कल एक लफ्ज है जो जुबान पे चढ़ा है शायद एक दफा फिर दिल को प्यार का नशा चढ़ा है ©Ankrusha Because love is not just a relationship.. it's a true form of worship!