वृंदा, शालिग्राम को,मन से पुजिये आज | मन वांछित फल पाओगे,बिगड़े बनेंगे काज || मईया तुलसी नित रहे, जिस आँगन पा मान | कहते वेद पुराण सभी, वो है स्वर्ग समान || ©कवि प्रभात कविता कोश