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सौदा हमारा कभी बाज़ार तक नही पहुंचा इश्क था जो कभ

सौदा हमारा कभी बाज़ार तक नही पहुंचा
 इश्क था जो कभी इज़हार तक नही पहुंचा ,

 यूँ तो गुफ्तगू बहुत हुई उनसे मेरी ,
 सिलसिला कभी ये प्यार तक नही पहुंचा 

, जाने कैसे वाकिफ़ हो गया तमाम शहर , 
दास्तान - ए - इश्क वैसे अखबार तक नहीं पहुंचा
 , 
" शर्ते एक दूसरे की मंजूर थी यूँ तो , 
पर मसौदा हमारा कभी करार तक नही पहुंचा 

, गहराई दोस्ती की हम नापते भी कैसे ,
 रिश्ता हमारा कभी तकरार तक नही पहुंचा . इश्क था जो कभी इज़हार तक नही पहुंचा !!
सौदा हमारा कभी बाज़ार तक नही पहुंचा
 इश्क था जो कभी इज़हार तक नही पहुंचा ,

 यूँ तो गुफ्तगू बहुत हुई उनसे मेरी ,
 सिलसिला कभी ये प्यार तक नही पहुंचा 

, जाने कैसे वाकिफ़ हो गया तमाम शहर , 
दास्तान - ए - इश्क वैसे अखबार तक नहीं पहुंचा
 , 
" शर्ते एक दूसरे की मंजूर थी यूँ तो , 
पर मसौदा हमारा कभी करार तक नही पहुंचा 

, गहराई दोस्ती की हम नापते भी कैसे ,
 रिश्ता हमारा कभी तकरार तक नही पहुंचा . इश्क था जो कभी इज़हार तक नही पहुंचा !!