सौदा हमारा कभी बाज़ार तक नही पहुंचा इश्क था जो कभी इज़हार तक नही पहुंचा , यूँ तो गुफ्तगू बहुत हुई उनसे मेरी , सिलसिला कभी ये प्यार तक नही पहुंचा , जाने कैसे वाकिफ़ हो गया तमाम शहर , दास्तान - ए - इश्क वैसे अखबार तक नहीं पहुंचा , " शर्ते एक दूसरे की मंजूर थी यूँ तो , पर मसौदा हमारा कभी करार तक नही पहुंचा , गहराई दोस्ती की हम नापते भी कैसे , रिश्ता हमारा कभी तकरार तक नही पहुंचा . इश्क था जो कभी इज़हार तक नही पहुंचा !!