याद है मुझे वो मेरी पहली बरसात, जब भीग भीग कर नहाया करते थे, कागज़ की नाव चलाया करते थे, भरे तालाबों में कूद जाया करते थे, स्कूल के डर से भींग जाया करते थे, फिर घर में खूब मार खाया करते थे। मुझे जाना था कहीं, या उसे बुलाना था कहीं। पहली बरसात में मिलने का, बहाना था कहीं।। 👉अब आपने पहली बरसात में क्या क्या बहाने बनायें, आओ आज उन्हें ही लिख जायें।। कोलाब कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :- #collabwithकाव्यपथिक #पहलीबरसात #काव्यपथिक