रे मन.... देना सीख ना, मिलने की चाहत से, सीख ना दूर रहना, चाहत ही रखनी है, तो..... देने की चाहत रख ना😇😇 देने का सुख....पवित्र है, पाने की चाहत..????? विष पीने समान, देना...कर्तव्य है, पाना.... मनचाहे कर्मफल की चाह, चाहत पूरी नहीं हुआ, खतम सब उत्साह,