प्रत्येक वस्तु व्यक्ति का बिंब प्रतिबिंब बनता है कर्मो की प्रतिछाया से अगला जन्म बनता है प्रकाश हो या पानी हो काया का प्रतिबिंब बनता है व्यवहार का चित्र मन मस्तिष्क में अविलंब बनता है जिन समस्याओं को लेकर मन में अंतर्द्वंद्व चलता है किसी से भी विचार विमर्श कठिन असंभव लगता है चिंतन मनन से व्यक्ति का मानसिक अंतर्द्वंद्व छँटता है लेखन बात कहने का सशक्त आधारभूत स्तंभ बनता है प्रत्येक वस्तु व्यक्ति का बिंब प्रतिबिंब बनता है कर्मो की प्रतिछाया से अगला जन्म बनता है प्रकाश हो या पानी हो काया का प्रतिबिंब बनता है व्यवहार का चित्र मन मस्तिष्क में अविलंब बनता है जिन समस्याओं को लेकर मन में अंतर्द्वंद्व चलता है किसी से भी विचार विमर्श कठिन असंभव लगता है