अलग है मुहब्बत में इजहार करना। हृदय से किसी से भी इकरार करना।। पलटना कभी जो इरादों से अपने..... जो सच्चा हो आशिक उसे प्यार करना।। --- कवि देवेन्द्र शर्मा"देव 122 122 122 122 अलग है मुहब्बत में इजहार करना। हृदय से किसी से भी इकरार करना।। पलटना कभी जो इरादों से अपने..... जो सच्चा हो आशिक उसे प्यार करना।। --- कवि देवेन्द्र शर्मा 'देव'