दिखा तबस्सुम मन मोहे बैरी भी अपना होए निश्च्छल औऱ निस्वार्थ उसके तबस्सुम होठों पर जब आये हाय उदास मन भी उसका कायल हो जाये तबस्सुम के साथ जो मुख खोले मधुर धुन तन -मन में डोले कुछ लटपटा सा उसके बोल हँसी के ठहाके लगवाते दिखा अपने तबस्सुम सबके दिल वो जीत जाते अपने तबस्सुम से ओरो के भी तबस्सुम ले आते तबस्सुम(मधुर मुस्कान) ©Arun kr. #tabssum