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अपने होंटो पर सजाना चाहता हूं आ तुझे में गुनगुनान

अपने होंटो पर सजाना चाहता हूं 
आ तुझे में गुनगुनाना चाहता हूं 
थक गया में याद करते करते तुझको 
अब तुझे में याद आना चाहता हूं 
एक आंसू तेरे दामन पर गिरा कर
बूंद को मोती बनाना चाहता हूं
आखरी हिचकी तेरे जानू पे आए
मौत भी में शायराना चाहता हूं
छा रहा है सारी बस्ती में अंधेरा
रोशनी को घर जलाना चाहता हूं

©DM Pongal Pongal
  तन्हाइयों के मुसाफिर

तन्हाइयों के मुसाफिर #शायरी

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