इश्क़् क बजर् ©बेजुबान शायर shivkumar " #इश्क़ का #बाजार " में #दुकानदार बहुत से है मुझे समझ नहीं आता कि कौन #सही और कौन #गलत । मैंने तो बाहर से #सामान खरीदना ही बंद कर दिया क्योंकि मेरे मन में #लफ्ज़ों का #कारोबार ही बहुत है ।। #बेजुबानशायर143 #बेजुबानशायर Aman Singh शायरी हिंदी में शायरी हिंदी शायरी