सियासत के लाेग क्या जाने । ये जनता है साहब इनकी क्याे ये माने । जिनकी मेहरबानी से ये अाज ये सत्ता पा गये। सुख जरा कुर्सी का किया मिला ये ताे फिर से आैकात पे आ गये। सत्ता