ए खुदा क्या तेरी रज़ा है? हम तुझे कैसे मनाए? हर दूसरे घर के बुझ रहे है दीये, उनको हम कैसे बचाए? कोई अपनों को खो रहा है तो कोई अपने आप को बिगड़ते, बिखरते हौसले को हम अब भरोसा कैसे दिलाए? रहम कर खुदा तेरे अपने है हम, कैसे तुझे विश्वास कराए? टाल दे इस कयामत को अब लाखों मासूम खड़े है, तेरे चरणों में शिश नवांए ©Latika Sharma (गूँज) #Prayers #corona #Request #Help