जब तक बिखरोगो नहीं तभ तक निखरोगे कैसे जब तक गिरोगे नहीं तभ तक संभलोगे कैसे जीवन टूटने जुड़ने का नाम है मुस्कुराना फिर मुरझाना फिर खिलना टूटना फिर जुड़ना बहकना फिर संभलना गलतियां करना फिर सीखना रूठना फिर मनाना मुश्किलों में पड़ जाना फिर उससे बाहर आना कुछ पल आसमान में उड़ना फिर जमीन में पटक जाना किसी का दिल तोड़ना फिर अपना टूट जाने में रोना फिर दोबारा कभी किसी का दिल ना दुखाना जो पीड़ा खुद में होती है उसे दूसरे में भी महसूस करना ए जिंदगी जोड़ना तोड़ना मरोड़ना झकझोरना बिखरना टूटना सवंरना मिलना बिछड़ना आना जाना गिरना संभलना तेरा सफर बहुत हसींन कभी गमगीन कभी बेहतरीन #yqdidi पूरी कविता नीचे कैप्शन में जब तक बिखरोगो नहीं तभ तक निखरोगे कैसे जब तक गिरोगे नहीं तभ तक संभलोगे कैसे जीवन टूटने जुड़ने का नाम है मुस्कुराना फिर मुरझाना फिर