【1】 ये सफ़र ज़िन्दगी का मुझे किस मुकाम पे ले आया,, मुद्दतों तरसा था जिन ख्वाहिशों के लिए आज पूरी हुईं तो अपने आपको बेहिसाब तनहा पाया.. 【2】 गुज़ारिश-ए-अब्र है अब जो टूटना तो रेगिस्तान-ए-दरिया कर देना तरस रहा हूँ मैं एक बूंद के लिए मेरा रेज़ा रेज़ा दरिया कर देना OPEN FOR COLLAB #ATdesertbg • A Challenge by Aesthetic Thoughts! Collab on this beautiful bg with your soulful words! • Use the word 'desert' in your write-up. • Please maintain the aesthetics.