इंसाफ (एक बेटी का दर्द) निर्भया , सुन छोटी , तुम्हारा आना कैसे,क्या बताओगी तुम मुझे,अब भारत की बेटी का हाल कैसा है , और अगर मेरे बाद मेरी बहिन सुरिक्षत है,तो यही मेरे लिए इंसाफ है, मै,फिर से मा की गोद में आ पाऊं क्या इतना सुरक्षित माहौल है, मनीषा की सिसकियां;........,दीदी बयां कैसे करू अपना हाल जब जुबान भी मेरी काट दी गई,मै बताने आऊ कैसे,जब मेरी हड्डियां तक तोड़ दी, उन हेबनियत के दरिंदो ने मेरी ,इज्जत ही नहीं मेरी आत्मा को भी छलनी किया था, सिर्फ मेरा नहीं यह हर एक बेटी का अपमान था, दीदी,क्या यह वही देश है जो... यत्र नार्यस्तू पूज्यंते रमंते तत्र देवता ,को मानता है,तो फिर क्यूं हम बेटियों का हाल ऎसा होता है,क्यों कोई हमारी चीखे नहीं सुनता और ना ही दर्द को समझता है, इंसाफ। तो मानो दो दिन की कहानी है,लोग मोमबत्तियां लेकर सड़कों पर खड़े होते है,और कुछ दिन बाद भूल जाते है,ना इंसाफ मिलता,ना ही सुरक्षित माहौल, और फिर से,खामोश माहौल में कभी अशिफा ,कभी मनीषा की चीख सुनाई पड़ती है, दीदी!क्यों हम बेटियों का हाल ऎसा होता है ,! justice for Manisha(Hathras) ,....justice for all girls .. nensi (riki) gangele ©nensi gangele justice for Manisha(hathrash)....justice for all girls 🙏🏻🙏🏻 #Stoprape