बसंत आगमन की शुभकामनाऐं। ................................................... पीत पीत हुए पात सिकुड़ी-सिकुड़ी-सी रात ठिठुरन का अन्त आ गया देखो बसन्त आ गया। मादक सुगन्ध से भरी पन्थ पन्थ आम्र मंजरी कोयलिया कूक कूक कर इतराती फिरै बावरी जाती है जहाँ दृष्टि मनहारी सकल स्रष्टि लास्य दिग्दिगन्त छा गया देखो बसन्त आ गया। शीशम के तारुण्य का आलिंगन करती लता रस का अनुरागी भ्रमर कलियों का पूछता पता सिमटी-सी खड़ी भला सकुचायी शकुन्तला मानो दुष्यन्त आ गया देखो बसन्त आ गया। पर्वत का ऊँचा शिखर ओढ़े है किंशुकी सुमन सरसों के फूलों भरा बासन्ती मादक उपवन करने कामाग्नि दहन केशरिया वस्त्र पहन मानों कोई सन्त आ गया देखो बसन्त आ गया।। ####मुकेश ओझा#### वसन्त पंचमी की आपको हार्दिक शुभ कामनाएं #NojotoQuote basant aagman......#####