फिर भी फिसल गए, कुछ सपने न जाने कब मेरी आंखों से निकल गए, जिनको हमने अपना समझा वो भी बीच सफर में बदल गए, अपनों से इतने गहरे जख्म मिले कि हम हमेशा के लिए सहम गए।। संभल कर चले थे... #संभलकरचलेथे #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi