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फिर भी फिसल गए, कुछ सपने न जाने कब मेरी आंखों से न

फिर भी फिसल गए,
कुछ सपने न जाने कब
मेरी आंखों से निकल गए,
जिनको हमने अपना समझा
वो भी बीच सफर में बदल गए,
अपनों से इतने गहरे जख्म मिले 
कि हम हमेशा के लिए सहम गए।। संभल कर चले थे...
#संभलकरचलेथे #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
फिर भी फिसल गए,
कुछ सपने न जाने कब
मेरी आंखों से निकल गए,
जिनको हमने अपना समझा
वो भी बीच सफर में बदल गए,
अपनों से इतने गहरे जख्म मिले 
कि हम हमेशा के लिए सहम गए।। संभल कर चले थे...
#संभलकरचलेथे #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
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