दोस्त............ कभी टकरार| तो कभी प्यार|| कभी लड़ना तो कभी झडग़ना|| क्या रखा हैं दोस्तो के बिन ज़िंदगी में|| तकलीफ को पहचानना गम में हाथ थामना|| बिन बोले सब जानना सबसे बढ़कर मानना|| क्या रखा हैं दोस्तो के बिन ज़िंदगी में|| नाराजगी में मनाना हर बात को बताना|| हर बात पर हँसाना ऐसा होता हैं दोस्ती का फसाना|| यारा तेरी यारी को मैंने तो खुदा माना....