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"आज मक़तल में ये क़ातिल कह रहा है बार बार क्या तम्

 "आज मक़तल में ये क़ातिल कह रहा है बार बार
क्या तम्मन्ना-ए-शहादत भी किसी के दिल में है!"

19 दिसंबर राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाकुल्ला खान की साझी शहादत का दिन है। आज देश की साझी विरासत और साझी नागरिकता को बचाना ही हमारे वीर क्रांतिकारियों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
 "आज मक़तल में ये क़ातिल कह रहा है बार बार
क्या तम्मन्ना-ए-शहादत भी किसी के दिल में है!"

19 दिसंबर राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाकुल्ला खान की साझी शहादत का दिन है। आज देश की साझी विरासत और साझी नागरिकता को बचाना ही हमारे वीर क्रांतिकारियों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।