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धड़कने बढ़ी, साँस मध्यम हुई; झलक तुम्हारी ऐसा बवाल

धड़कने बढ़ी, साँस मध्यम हुई; झलक तुम्हारी ऐसा बवाल कर गयी, 
ना रहा फ़िर वक़्त सगा मेरा; यादों में तुम्हारी मेरी हर शाम ढल गयी, 
टकराया हूँ ऐसे पहले भी किसीसे; मैं इस बार भी सम्भल जाता मग़र, 
एक ज़रा सी चिंगारी थी इश्क़ की; छु लिया तुमनें तो आग बन गयी ।

©Akash Kedia #Shayai #pyaar #mohabbat #aashiqui #Dillagi 

#BoneFire
धड़कने बढ़ी, साँस मध्यम हुई; झलक तुम्हारी ऐसा बवाल कर गयी, 
ना रहा फ़िर वक़्त सगा मेरा; यादों में तुम्हारी मेरी हर शाम ढल गयी, 
टकराया हूँ ऐसे पहले भी किसीसे; मैं इस बार भी सम्भल जाता मग़र, 
एक ज़रा सी चिंगारी थी इश्क़ की; छु लिया तुमनें तो आग बन गयी ।

©Akash Kedia #Shayai #pyaar #mohabbat #aashiqui #Dillagi 

#BoneFire
akashkedia1107

Akash Kedia

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