विषय पकड़ हो जिसकी बढ़ियाँ,खेल-खेल में सिखा जाए। ना डाँट और मार लगाए,जो सबके मन को भाए।। जिसे पढ़ाना भार न लगता,मन से जो यह काम करे। बच्चे जिससे मन से पढ़ते,नहीं कोई भी कभी डरे।। भारत भूषण पाठक'देवांश'🙏🌹🙏 ©Bharat Bhushan pathak विषय पकड़ हो जिसकी बढ़ियाँ,खेल-खेल में सिखा जाए। ना डाँट और मार लगाए,जो सबके मन को भाए।। जिसे पढ़ाना भार न लगता,मन से जो यह काम करे। बच्चे जिससे मन से पढ़ते,नहीं कोई भी कभी डरे।। भारत भूषण पाठक'देवांश'🙏🌹🙏 #teacher