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रात भर यहाँ चाँद का साया रहा! दिन के उजालों ने उसे

रात भर यहाँ चाँद का साया रहा!
दिन के उजालों ने उसे किनारा किया!
चाहत फिर भी कम ना हुआ, जबकि
 अपनों ने हीं गम के हवाला किया!

©ENGG SG
  #rishte #sadthing