सुन बंधु अपनी धुन हैं,अपना राग हैं मैं दुनिया से जुदा,जुदा अपना अंदाज़ हैं मैं ठहर जाऊँ कहीं भला कैसे? अल्हड़पन मेरा मिज़ाज हैं -राकेश तिवारी- शुभ सन्ध्या। जो जीवन की चुनौतियों को स्वीकार करते हैं, वे अपनी राह ख़ुद बनाते हैं। #अपनीधुन #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi