हादसे हमारे साथ मस्खरी कर रहे है... लफ्ज हमारे हमारी जुबाँ से उठकर कागज पर जादूगरी कर रहे है..... हम उनको पा न सके हमे अफ्शोस है इस बात का.... इसलिए तो हम आज शायरी कर रहे है.... Saurabh singh