बहुत जो चुका अब डर डर कर जीना तानों को सुन सुनकर रात दिन घुटना तुम लड़की हो तुम शाम ढले बाहर मत निकलो तुम लड़के हो रोना धोना मत करो तुम लड़की हो घर के अंदर ही रहो तुम लड़के हो घर में क्यों घुसे रहते हो तुम लड़की हो घर के काम किया करो तुम लड़के हो ये काम तुम्हारे नही तुम लड़की हो संस्कारों से बंधी रहो तुम लड़के हो जो जी चाहे करो तुम लड़की हो ,दूसरे घर जाना है तुम लड़के हो लाल बहु लाना तुम बहु हो अब ,सबको खुश रखना बहु की सुनते हो जोरू के गुलाम हो क्या? कैसा समाज है ये जो दो मायने रखता है लड़की को कम लड़के को ज्याफ आँकता है बहुत हुआ ...अब बस करो ... अब बस भी करो... ©Shobha Gahlot #अब_और_नहीं #apart