(शहीदों की याद) दोस्तो नमस्कार और सभी नोजोटो फैमिली को मेरा नमस्कार । दोस्तो आप मैं हम सभी जानते है। देश के क्रान्तिकारियों के बारे में फिर भी में शहीदों की याद ( छोटी कविता) के माध्यम से लिखकर सीधा लाइव करूँगा और अपने टूटे फूटे शब्दों के माध्यम से कविता लिखने का प्रयास करूँगा . क्योकि ये शहीद न होते तो हम अभिव्यक्ति के माध्यम से कुछ भी नही लिख सकते थे । मैं आप सभी का आर्शीवाद चाऊंगा और कामना करता हूँ कि आप इसे पड़कर शहीदो की याद कहानी पड़कर आपकी आत्मा और शहीदो की याद को तरोताजा करेगी और आपको अपने प्राचीन गुलाम भारत की यादे आयेगी फिर पता चलेगा कि क्या हमारा भारत गुलाम भी था। आज की युवा पीढ़ी भूल चुकी है कि हम कभी गुलाम भी थे। हमें सिर्फ गोरे लोगों ने गुलाम नहीं बनाया था अपितु अनेक यूरोपियो, फ्रांसिसी इत्यादि कौम ने शासन किया था । दोस्तो फिर से आप सभी से अनुरोध है में शहीदों की याद में 23 मार्च 1931 तक की बात को अपनी कविता के माध्यम से कहूँगा । इसमें ( राजगुरु भगतसिह खुदीराम बोस चन्द्रशेखर आजाद लाला राजपतराय) इस कहानी को छोटी कविता के माध्यम से एक दो या अधिक पार्ट में लिखने का प्रयास करुगा I भाग -1 आगे पड़ने के लिए इंतजार करे।देर के लिए माफी चाहता हूँ । अशोक कुमार Poet आगे पड़े शहीदों की याद