कोई इस शहर में, सगा नहीं रहा, कोई इस शहर का, सगा नहीं रहा... कल जब आखरी बार, अलविदा किया उसने, गले मिला मुझसे, पर लगा नहीं रहा... विरह, प्रीत, यादें, माना कष्ट देतीं है, समय गवाह है, कुछ सदा नहीं रहा... और इस जहाँ को, हमने बिगाड़ा इस कदर, सज़ा दी उसने, कि सजा नहीं रहा... दिन भर इस शहर में, हाँफती है हसरतें, गाँव की वो बैठकों का, मज़ा नहीं रहा...!!! #NAPOWRIMO #Hindi #ghazal #hindipoetry #poem_2 #Nojoto #nojotohindi #shehar #Problems #Love