स्वामी विवेकानन्द जी को जयंती पे कोटि नमन जो संस्कृति है दुनिया के सत्य मूल्यों का आधार ऐसी संस्कृति का किया ज़िन्होने पुन:जीर्णोधार ज़िन्होने समझाया विश्व को भाइयों बहनों का प्यार ज़िन्होने कहा भारतीय मूल्यों का दुनिया को फिर है इंतजार ज़िन्होने व्याख्यान दिया शून्य पे लगातार दिखाया विश्व को श्रीमद्भगवद्गीता कैसे है अपरम्पार ज़िन्होने कहा इतने कष्टों और युद्धों के बाद भी हर भारतीय के मन मे सदैव सम्पूर्ण विश्व के लिये है अहिंसा और प्यार ऐसे महान महापुरुष विवेकानन्द जी को उनकी जयंती पे कोटि कोटि है मेरा आदर प्रणाम और नमष्कार l ©शिवम मिश्र विधि विद्यार्थी के के सी ,लखनऊ