तेरी देहरी से खाली लौट जाना है नहीं आसां। मगर तू जानता है हाल मेरा, ये तसल्ली है। कभी जो झांक भी लेगा दरीचे से मुझे यूं ही। मेरी बेसब्र उम्मीदों को बस ये दीद काफ़ी है। #अंजलिउवाच #YQdidi #तसल्ली #देहरी #बेसब्र #उम्मीद