बेपरवाह है यहां सब लोग.... किस दौर से जिंदगी को गुजारूं मैं। यह आंसूओं के अश्क़ हैं.... किस कलम से कोरे पन्नें पर उतारूं मैं। #बेपरवाह है यहां सब लोग.... किस दौर से #जिंदगी को गुजारूं मैं। यह #आंसूओं के #अश्क़ हैं.... किस कलम से कोरे पन्नें पर उतारूं मैं। #रातकाअफ़साना #yqbaba #yqdidi #yqquotes