"अभिव्यक्ति - 4" "मौसम" पतछड़-सावन-बसंत-बहार, ऋतू के मौसम चार। "पतछड़" न कोई हर्ष, न उल्लास , न आशा की कोई फूटती कोपल । पतछड़ संग लाते हो तुम, कुंठित सवेरा, सूखी दोपहरी, एकांकीपन की सांझ। "वर्षा-सावन" के ये मनमोहक बादल, लाते हैं बारिश का यह जल। देख मन इन्हें होता प्रफुल्लित, वर्षा न हो तो मन हो जाता है विचलित। "बसंत-बहार"ऋतुओं का राज है,रंगीला मिज़ाज़ है। कुसुम का ताज पहनकर आया ये बसंत-बहार है । पूनम आकाश में, ऊर्जा के प्रकाश में, कविता का मधुमास बनकर, आया बसंत-बहार है । #अभिव्यक्ति_4 #मौसम_वर्णन #pennpopcorn #pnphindi #pnp041020 #pnpabhivyakti4 #yqbaba "अभिव्यक्ति - 4" "मौसम" पतछड़-सावन-बसंत-बहार, ऋतू के मौसम चार। "पतछड़" न कोई हर्ष, न उल्लास , न आशा की कोई फूटती कोपल ।