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जो चढ़ जाए तो फिर नहीं उतरता, हो कितनी भी बारिश ये

जो चढ़ जाए तो फिर नहीं उतरता,
हो कितनी भी बारिश ये रंग फिर...
संग पानीयों के कभी  नहीं घुलता।

हो जब सावन की पहली बरसात
रंग और भी  गहरा  हो  जाता  है
जैसे बादल के छाते ही मोर के
पंखों में शबाब आ जाता है.....!

होली के रंगों से कहीं गहरा है
ये  सच्चे   इश्क़   का   रंग....
रंग  चढ़ते  इश्क़ का, हर आशिक़
हो  जाता  है  मस्त  मलंग.......!

Writen By-Mukesh ✍️ नमस्कार लेखकों।😊

हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें । 

हमारे पिन किये गए पोस्ट को ज़रूर पढ़ें🥳

#rz_इश्क़_वो_रंग_है #yqrestzone #collabwithrestzone #restzone #होली #holi #YourQuoteAndMine
Collaborating with Rest Zone
जो चढ़ जाए तो फिर नहीं उतरता,
हो कितनी भी बारिश ये रंग फिर...
संग पानीयों के कभी  नहीं घुलता।

हो जब सावन की पहली बरसात
रंग और भी  गहरा  हो  जाता  है
जैसे बादल के छाते ही मोर के
पंखों में शबाब आ जाता है.....!

होली के रंगों से कहीं गहरा है
ये  सच्चे   इश्क़   का   रंग....
रंग  चढ़ते  इश्क़ का, हर आशिक़
हो  जाता  है  मस्त  मलंग.......!

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