कोई खयाल उसे सता रहा है शायद कोई अपना उसे याद आ रहा है । चेहरे पर उदासी छाई है उसके जब से मायूसी चेहरे पर आई है उसके खल गई उसे कोई ऐसी बात शायद किसी अपने ने कर दी उससे दूर जाने की बात कोई खयाल उसे सता रहा है शायद कोई अपना उसे याद आ रहा है । सारा दिन बस उसके बारे में ही सोचती है दिन-रात ना ये जागे ओर ना सोती हैं क्यो तन्हाई से कर ली उसने दोस्ती बाहर खुश मगर ये अंदर से रोती है । कोई खयाल उसे सता रहा है शायद कोई अपना उसे याद आ रहा है इश्क़ का सफर भी कितना अजीब होता है पहले खुशियां फिर दर्द बहुत देता है सोचते सोचते उसका पूरा दिन यूही बीत जाता है जब कोई अपना उसे बहुत ज्यादा याद आता है कोई खयाल उसे सता रहा है शायद कोई अपना उसे याद आ रहा है -Rk_Sunil