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गुलाब से कोमल तेरे होठ, और उसपर सुंदर सी मुस्कान ह

गुलाब से कोमल तेरे होठ, और उसपर सुंदर सी मुस्कान है, दिल बेचैन हो जाता है,क्योंकि तुही तो मेरी जान है।
जिस्म तेरी कामुक है, मनमोहक तेरी अदायें है,तू जैसे कोई अप्सरा हो, जो मेरे लिए ही आयी है।

बोनी गुलाब से कोमल होठ।
गुलाब से कोमल तेरे होठ, और उसपर सुंदर सी मुस्कान है, दिल बेचैन हो जाता है,क्योंकि तुही तो मेरी जान है।
जिस्म तेरी कामुक है, मनमोहक तेरी अदायें है,तू जैसे कोई अप्सरा हो, जो मेरे लिए ही आयी है।

बोनी गुलाब से कोमल होठ।