बेख़ौफ़ फिरूं मैं, बेख़ौफ़ फिरूँ मैं उसके इश्क़ के आसमाँ में बस यही तमन्ना थी, भूल क्यों गई ओ सखी तेरी तमन्नाओ के पंख नहीं हैं। बेख़ौफ़ जी लूँ अपनी जिंदगी अपनी ही मस्ती में, भूलती क्यों है सखी जिंदगी में खुशी की कोई आहट नहीं है। बेख़ौफ़ चलूँ मैं दुनिया के किसी सुनसान रास्ते पर भी, भूल न ओ सखी तू औरत है जिस्म है इंसान नहीं है। ©सखी😢 #bekhufphirunmain #bekhuaf #बेख़ौफ़