"मतलबी हूँ मैं" राग है मुझमें, द्वेष है मुझमें, लोभ है मुझमें, क्रोध है मुझमें, जाने कितने ही अपराध बोध से भरा हूँ मैं, "मतलबी हूँ मैं" बस स्वार्थ से ही सबसे जुड़ा हूँ मैं| उजाला तुम, अंधेरा हूँ मैं, सत्य तुम, मिथ्या हूँ मैं, पुण्य तुम, पाप हूँ मैं, शांत तुम, दुर्दांत हूँ मैं, जाने कितने ही लालसाओं के भोग में जड़ा हूँ मैं, "मतलबी हूँ मैं" बस स्वयं के इश्क़ में पड़ा हूँ मैं| प्रेम में उपजी वो घृणा हूँ मैं, मुहब्बत की हवस में रमा हूँ मैं, चाहत में जुनून का गुनाह हूँ मैं, अभिलाषाओं में रहने वाली वासना हूँ मैं, क्या करूँ!, इंसानी फितरत में रचा-बसा इंसान हूँ मैं, "मतलबी हूँ मैं" बस मतलब से ही ज़िन्दा प्राण हूँ मैं| #मतलबीहूँमैं #ज़िंदा #ufvoices #हिंदीकविता #vineetvicky #maymoods #मैं