#बारिश का मौसम बरस रहा है फिरसे लगता है आज फिर वो उदास है ना जाने क्यों नहीं समझ पाते वो हमे याद करे, हम उनके साथ है ये बारिश का मौसम, ये भी बढ़ा अजीब है अगर साथ हो यार तो बढ़ा हसीन है और साथ ना हो यार तो हाल उस मोर के जैसा जो नाचना तो चाहता है बरसात में पर पंख लेगया है वो शिकारी और अब वो बैठा बेवस है #बारिश #कविता #शायरी