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तुम आती हो, चले जाती हो मुस्कुराती हो, शर्मा जाती

तुम आती हो, चले जाती हो
मुस्कुराती हो, शर्मा जाती हो
ये आदत है तुम्हारी, या है इश्क़
सच क्यों न मुझे बतलाती हो। #यक़बाब
तुम आती हो, चले जाती हो
मुस्कुराती हो, शर्मा जाती हो
ये आदत है तुम्हारी, या है इश्क़
सच क्यों न मुझे बतलाती हो। #यक़बाब
iqbalmalik1863

Iqbal Malik

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