कोई आया और आकर चला गया "वक़्त" का यह कैसा सिलसिला आरज़ू जब ज़िन्दगी जीने की थी मौत का पैग़ाम ये कैसा फलसफा मनुज हम गलतियाँ हर वक़्त होती आया है ना जाने कैसा ज़लज़ला दिल हमारा इस तरह से छला गया, कोई आया और आकर चला गया.... #चलागया #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi