लिख देते है आज वो जिंदगी का हिस्सा जिस पर नाम तो मेरा पर पर था तुम्हारा ही किस्सा सांसों का ये दोहरापन कैसे सहन कर ले धड़कती मेरे लिये और नाम सिर्फ तुम्हारा ले प्यार की किताब में कभी फूल एक हमनें रखा फुर्सत में भी तुमने उसे नहीं देखा जज्बा मोहब्बत का बड़ा शालीन होता दिल टूटता तो झरोखा बंद होने का अहसास होता ✍️ कमल भंसाली लिख देते