कितने समूहों की नदियाँ बहती हैं योरकोट पर, नित दिन बरसती हैं रचनाओं की बारिश। कोरा कागज़ के शब्दों के संसार में, नित होती है उपहारों की नुमाइश। यहाँ प्रतियोगिताएं हैं कुछ खास और अनगिनत, आसान नहीं यारों, इस्तेमाल करना पड़ता है मस्तिष्क। जब भेंट करते हो तुम उपहार अलग-अलग, पाते हो सुन्दर प्रतिपुष्टि, मन को करदे जो खुश। समालाप की पहल है खूबसूरत दोस्तों, पूरी हो गई कई लेखकों की बरसों की ख्वाहिश। शब्दों के इस समुन्दर में डुबकी ज़रूर लगाना, बन हकदार टेस्टीमोनियल का न बचेगी कोई गुजारिश। ♥️ Challenge-1000 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ यह विशेष प्रतियोगिता है हज़ारवीं मुख्य प्रतियोगिता को सुन्दर बनाने के उपलक्ष्य में। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।